Sunday, 5 July 2015

क्या है डिजिटल इंडिया, कैसे मिलेगा इससे 18 लाख लोगों को रोजगार

क्या है डिजिटल इंडिया, कैसे मिलेगा इससे 18 लाख लोगों को रोजगार

नई दि‍ल्ली। डिजिटल इंडिया अभियान का मकसद आम आदमी से जुड़ी हुई सेवाओं की डिलिवरी को ई-सेवाओं से जोड़ना है। जिसके लिए देश के हर गांव में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध होगी और हर सुविधा को ऑनलाइन किया जाएगा। मोदी सरकार इस अभियान के जरिए एजुकेशन, अस्पताल, सरकारी दफ्तरों, दस्तावेजों की सिक्योरिटी आदि सेवाओं को जोड़ेगी। जिससे आम आदमी के कामकाज कम्प्यूटर के महज एक ‘क्लिक’ से संभव हो जाएगा। डिजिटल इंडिया अभियान का उद्देश्य समृद्ध भारत और ई-साक्षर भारत है। जिसके दम पर सशक्त भारत का निर्माण करना है।
मोदी ने इसका आगाज करते हुए कहा कि ‘डिजिटल इंडिया’ भारत के भविष्य का खाका बदलने को तैयार है। जिसका मकसद भारत को ‘डिजिटली एम्‍पॉवर्ड नॉलेज इकोनॉमी’ में तबदील करना और जरूरी कार्य में तकनीकी को बढ़ावा देना है। ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के बाद ‘डिजिटल इंडिया‘ सरकार का दूसरा सबसे बड़ा कैंपेन है। इस अभियान का मुख्‍य उद्देश्य तकनीक के जरिए आम आदमी के जीवन को सरल बनाना है। ताकि आम आदमी और सरकार के बीच सीधा संवाद कायम हो सके और सरकारी काम में पारदर्शिता के साथ कार्यकुशलता भी आए।
डिजिटल इंडिया अभियान का उद्देश्य
सरकार डिजिटल क्रांति के जरिए आम आदमी के सपनों को साकार करना चाहती है। जिसके तहत देश के हर गांव को इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। जिसकी शुरुआत मोदी सरकार ने कर दी है जिसको 2015 से लेकर 2018 तक चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत के साथ ही देश में 4.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश का एलान अभी हुआ है। जिससे 18 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्‍मीद है। सरकार इस अभियान के तहत आम आदमी से जुड़ी हुई सेवाओं की डिलिवरी को गांवों तक पहुंचाएगी।
सरकार को क्‍यों पड़ी इसकी जरूरत
दरअसल मोदी सरकार डिजिटल इंडिया के जरिए आम आदमी को प्रत्यक्ष तौर पर सभी सरकारी सेवाओं से जोड़ना चाहती है। ताकि उनकी जरूरतों को कम से कम समय में पूरा किया जा सके और उन्‍हें लंबे समय तक इंतजार न करना पड़े। इस अभियान के तहत शिक्षा, अस्‍पताल समेत सभी स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं और सरकारी दफ्तरों को गांव से देश की राजधानी से जोड़ा जाएगा। जिसके लिए 2019 तक 2.5 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध होगा। जिसके माध्यम से आम आदमी सरकार से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ेगा। इसके अलावा सरकार देशभर में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराएगी। ताकि आम आदमी को किसी भी काम के लिए इंतजार न करना पड़े। इसके साथ ही सारे काम ऑनलाइन होने से कागज की भारी बचत होगी जिससे पर्यावरण को भी फायदा होगा।
डिजिटल इंडिया के तहत उपलब्ध सुविधाएं
इस अभियान के तहत डिजिटल इंडिया पोर्टल, मोबाइल ऐप, माईगांव मोबाइल ऐप, स्वच्छ भारत मिशन ऐप और आधार मोबाइल अपडेट ऐप जैसी सुविधाएं सरकार देगी। इसके माध्यम से आम लोगों को जहां सरकारी नीतियों व कार्यक्रमों की जानकारी मिलेगी और उनका लाभ भी मिलेगा। इसी तरह दस्तावेजों की सुरक्षा हेतु डिजिटल लॉकर की सुविधा भी है। जिसमें कोई भी व्‍यक्ति अपना पैनकार्ड, पासपोर्ट, एजुकेशन सर्टिफिकेट, बैंक डॉक्यूमेंट्स आदि जरूरी दस्तावेजों को सुरक्षित रख सकेगा। जबकि 2.5 लाख स्कूलों और सभी यूनिवर्सिटी में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध होगा। ताकि गांवों में रहने वाले छात्रों को भी शिक्षा का लाभ मिल सके।
डिजिटल इंडिया पर खर्च और रोजगार
डिजिटल इंडिया के तहत मौजूदा योजनाओं में एक लाख करोड़ और नई योजनाओं और गतिविधियों में 13 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 1.7 करोड़ लोगों को सीधे रोजगार जबकि 8.5 करोड़ लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। दूरसंचार और आईटी मंत्रालय इस प्रोग्राम के क्रियान्वयन की नोडल एजेंसी है और वह डिजिटल इंडिया की सफलता सुनिश्चित करने के लिए इससे जुड़े इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर का निर्माण करेगी। इससे भी रोजगार का सृजन होगा। इस कैंपेन के तहत सरकार आइटी, टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर के विस्तार पर पर्याप्त ध्यान देगी। इसके तहत लोगों को उचित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
डिजिटल इंडिया के प्रमुख क्षेत्र और कार्य
डिजिटल इंडिया अभियान के तहत 9 प्रमुख क्षेत्रों पर काम करेगी। जिसमें ब्रॉडबैंड हाइवे, यूनिवर्सल एक्सेस टू फोन, सार्वजनिक एक्सेस प्रोग्राम, ई-गवर्नेंस, ई-क्रांति, इंफॉमेंशन फॉर ऑल, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन, आईटी फॉर जॉब्स और अर्ली हार्वेस्ट प्रोग्राम आदि शामिल है। इस कार्यक्रम की सफलता से भारत डिजिटल रूप से सशक्त बनेगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, बैंकिंग जैसे संबंधित क्षेत्रों और सेवाओं की आपूर्ति तथा सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में शीर्ष स्‍थान पर होगा।
 

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